दरभंगा: मिथिला संस्कृति और कला के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिए एमएलएसएम कॉलेज में 13 से 15 नवंबर तक मिथिला विभूति पर्व समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष यह समारोह 52वां संस्करण होगा, जो मिथिला चित्रकला, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और पुस्तक मेला के माध्यम से मैथिली संस्कृति की अनूठी झलक प्रस्तुत करेगा। विद्यापति सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रो. शशिनाथ झा ने इस समारोह को लेकर खास जानकारी दी।
समारोह में नवोदित कलाकारों को मिलेगा मौका
समारोह के आयोजन को लेकर सलाहकार समिति के अध्यक्ष पं. कमलाकांत झा ने बताया कि इस बार के कार्यक्रम में नई पीढ़ी के कलाकारों और कवियों को विशेष अवसर दिया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान, जहां एक ओर मिथिला चित्रकला और व्यंजन प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर पुस्तक मेला भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। आयोजन का उद्देश्य मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ आगामी पीढ़ी को इससे जोड़ना है।
समारोह के पहले दो दिनों में विद्यापति गीत और संगीत पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विद्यापति का साहित्य और संगीत मिथिला की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा है। तीसरे दिन, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मिथिला के पारंपरिक संगीत, नृत्य, और नाटक की प्रस्तुतियां शामिल होंगी।
राइजिंग स्टार मैथिली ठाकुर का प्रदर्शन
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में मैथिली ठाकुर, जो अब एक स्टार बन चुकी हैं, आकर्षण का केंद्र रहेंगी। उनकी प्रस्तुति समारोह में खास रंग भरने वाली है। इसके अलावा, रंजना झा, डॉ. ममता ठाकुर, पूनम मिश्रा, सोनी चौधरी, जूली झा, सुषमा झा, अनुपमा झा, खुशबू मिश्रा, पं. कुंज बिहारी मिश्र, रामबाबू झा, माधव राय, विकास झा, कृष्ण कुमार कन्हैया, दुखी राम रसिया, दीपक कुमार झा, नीरज कुमार झा, केदारनाथ कुमर, मशहूर शंखवादक विपिन मिश्र, नटराज डांस एकेडमी, सृष्टि फाउंडेशन एवं धरोहर सांस्कृतिक मंच जैसी प्रमुख प्रस्तुतियां भी इस उत्सव का हिस्सा होंगी। इन सभी कलाकारों की प्रस्तुतियां समारोह को और भी खास बना देंगी, और दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें मिथिला संस्कृति से जुड़ी नई जानकारियां भी मिलेंगी।
कवि विद्यापति की स्मृति में विशेष आयोजन
मिथिला विभूति पर्व समारोह का आयोजन कवि कोकिल विद्यापति के निर्वाण दिवस पर किया जा रहा है। विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस तीन दिवसीय समारोह की विधिवत शुरुआत 13 नवंबर को होगी। विद्यापति के गीत और काव्य ने न केवल मिथिला को बल्कि समूचे भारतीय साहित्य को समृद्ध किया है, और उनका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता।
सम्मानित अतिथि और प्रमुख शख्सियतें
समारोह में भाग लेने के लिए कई प्रमुख राजनीतिक, सांस्कृतिक और समाजसेवी शख्सियतों ने अपनी सहमति प्रदान की है। इनमें बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, डॉ. अशोक कुमार चौधरी, मदन सहनी, हरि सहनी, नीतीश मिश्रा, पूर्व मंत्री जीवेश मिश्र, डॉ. राम प्रीत पासवान, ललित कुमार यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सीपी ठाकुर, अश्विनी चौबे, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा, लोकसभा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा, और कई विधायक और पूर्व विधायक शामिल हैं। इन सभी ने इस समारोह में भाग लेने की सहमति दी है, जो इस आयोजन को और भी गरिमा प्रदान करेगा।
मिथिला की कला और संस्कृति को मिलेगा वैश्विक मंच
इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल मिथिला की पारंपरिक कला और संस्कृति को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह आयोजन नई पीढ़ी के कलाकारों को भी मंच प्रदान करेगा। नई प्रतिभाओं के लिए यह एक बेहतरीन अवसर होगा, जिससे वे अपनी कला और रचनाओं को बड़े मंच पर प्रस्तुत कर सकेंगे। मिथिला चित्रकला, मैथिली गीत, साहित्य, और नृत्य पर आधारित इस समारोह से मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिल सकती है।
इस तीन दिवसीय समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और उम्मीद की जा रही है कि यह आयोजन दरभंगा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाएगा। मिथिला की कला और संस्कृति को नया जीवन देने वाले इस समारोह का इंतजार अब मिथिला प्रेमियों को बेसब्री से है।
समारोह के आयोजन स्थल: एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा
यह समारोह दरभंगा के प्रतिष्ठित एमएलएसएम कॉलेज में आयोजित किया जाएगा, जो शहर के केंद्र में स्थित है। यहां आने वाले सभी दर्शक न केवल मिथिला की कला और संस्कृति से जुड़ेंगे, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे।
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