बिहार में शराब तस्करों का कहर: 12 बीघा फसल में आग लगाई, किसान परेशान

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Samastipur News Bihar

पूर्वी चंपारण, बिहार – बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन इससे जुड़ी समस्याओं और अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ताजा मामला पूर्वी चंपारण जिले के ढाका प्रखंड के बसहिया गांव का है, जहां शराब तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए 12 बीघा खेतों में आग लगा दी। इस घटना में धान की फसल और पुआल पूरी तरह से जलकर खाक हो गए, जिससे किसान भारी संकट में हैं।

तीन साल से लगातार हो रही घटनाएं

किसान देवीलाल राय, जिनकी तीन बीघा फसल इस घटना में नष्ट हो गई, ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से तस्कर खेतों में आग लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “न तो पशुओं के लिए चारा बचता है, न परिवार के लिए अन्न।” रविवार सुबह करीब 3 बजे आग लगाई गई, जिसमें उनकी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।

किसानों का कहना है कि शराब तस्कर पुलिस की नजरों से बचने के लिए ऐसा करते हैं। धान के खेतों और पुआल में आग लगाकर वे अपने ठिकानों की ओर पुलिस का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं।

किसानों को भारी नुकसान, प्रशासन पर उठे सवाल

किसान दुर्गा राय ने बताया कि उनका डेढ़ बीघा फसल बर्बाद हो गया। उन्होंने कहा, “तस्करों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही। हम लगातार प्रशासन से मदद की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक हमें न तो मुआवजा मिला है और न ही सुरक्षा।”

एक अन्य किसान ने कहा कि 15 दिन पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी, लेकिन नुकसान कम था। उन्होंने फायर ब्रिगेड की देरी का आरोप लगाते हुए कहा कि गाड़ी चार घंटे बाद पहुंची, जिससे नुकसान कई गुना बढ़ गया।

शराबबंदी के बीच बढ़ती तस्करी और किसान संकट

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद, शराब तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यह कानून अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसके उलट तस्करों की गतिविधियों ने निर्दोष किसानों को संकट में डाल दिया है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की उदासीनता से तस्करों के हौसले बुलंद हैं। तीन साल से हो रही इन घटनाओं के बावजूद अब तक किसी तस्कर को पकड़ने या मुआवजा देने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

किसानों की मांग: कार्रवाई और मुआवजा

घटना से परेशान ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और उचित मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि फसल के नुकसान से उनके परिवार भुखमरी की कगार पर हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल शराबबंदी के अमल पर सवाल खड़े करती है, बल्कि बिहार के किसानों की सुरक्षा और आजीविका की स्थिति को भी उजागर करती है। तस्करों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने और किसानों को न्याय दिलाने के लिए प्रशासन को तत्काल प्रभावी कदम उठाने होंगे। वरना, शराबबंदी कानून का उद्देश्य और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, दोनों ही खतरे में पड़ सकते हैं।

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Sonu Kumar

Sonu Kumar is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Sonu Kumar has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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