बिहार के जमुई जिले में तीन ऐसे शिक्षकों का मामला सामने आया है जो उत्तर प्रदेश समेत अन्य जगहों पर रहते हुए जमुई के स्कूलों में फर्जी हाजिरी बना रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और ऐसे अन्य शिक्षकों को भी पकड़ने की तैयारी कर रहा है। आरोप सही पाए जाने पर इन शिक्षकों पर निलंबन और अन्य सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच के दौरान सामने आई गड़बड़ियां
शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पर उपस्थिति दर्ज करने में धोखाधड़ी का खुलासा किया है। रैंडम जांच में पता चला है कि कई शिक्षक मोबाइल का फ्लाइट मोड इस्तेमाल कर या फिर फोटो एडिट कर फर्जी हाजिरी बना रहे हैं। सोनो प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कर्माटांड के तीन शिक्षकों- बबिता कुमारी, कृष्ण कन्हैया, और मो. मुख्तार आलम से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
वेतन भुगतान पर रोक
गड़बड़ियों के चलते विभाग ने 7, 9, 14, और 16-18 दिसंबर के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। इन तिथियों में शिक्षकों की हाजिरी की जांच के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहला मामला नहीं है। चकाई प्रखंड के उमवि कोकहर विद्यालय में भी शिक्षक विष्णुदेव यादव, पंकज कुमार, प्रियंका भारती, और प्रणव प्रिंस द्वारा फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्ज करने का मामला पकड़ में आया था।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस तरह के फर्जीवाड़े ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग ने आगे और सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है, जिससे शिक्षा प्रणाली को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।
जनता और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने लोगों को चौंका दिया है। शिक्षा विभाग के डीपीओ पारस कुमार ने कहा कि फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उपस्थिति और लोकेशन की गहन जांच जारी रहेगी। वहीं, स्थानीय लोग शिक्षकों की ऐसी गतिविधियों पर नाराजगी जता रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोषी पाए गए शिक्षकों पर निलंबन, वेतन रोक और आपराधिक मामले दर्ज करने की संभावना जताई जा रही है।
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