पटना: बिहार के नए पुलिस महानिदेशक (DGP विनय कुमार) ने कार्यभार संभालते ही अपराध नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उनका ‘ऑपरेशन पेट्रोलिंग’, अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने का आदेश और FSL (Forensic Science Laboratory) की मजबूती जैसे प्रयासों से उनकी कार्यशैली की तुलना पूर्व DGP अभयानंद से हो रही है।
‘एनकाउंटर सलामी’ से पुलिस का एक्शन शुरू
DGP विनय कुमार ने पटना पुलिस के एनकाउंटर के बाद अपराधियों को कड़ा संदेश दिया है। जक्कनपुर में कुख्यात अपराधी अजय राय के एनकाउंटर के बाद पुलिस अधिकारी भी सड़कों पर एक्टिव दिख रहे हैं।
- एसएचओ, डीएसपी और एसपी खुद गश्त कर रहे हैं।
- रात में पुलिस मुख्यालय में बैठकें लगातार हो रही हैं।
- DGP ने खुद सड़क पर उतरकर सुरक्षा का जायजा लिया।
DGP के मुख्य कदम
- ऑपरेशन पेट्रोलिंग:
- पुलिस की सक्रिय उपस्थिति अपराधियों के बीच खौफ पैदा करेगी।
- दिन-रात गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
- अवैध संपत्ति जब्ती:
- BNS एक्ट (बिहार निषेधात्मक कार्रवाई अधिनियम) का सख्ती से पालन।
- थानेदारों को आदेश: एक महीने के भीतर कम से कम एक माफिया की संपत्ति जब्त की जाए।
- FSL की मजबूती:
- हर जिले में मोबाइल FSL यूनिट शुरू करने की तैयारी।
- जांच में तेजी लाने से अपराधियों को जल्द सजा मिलेगी।
- 112 इमरजेंसी सेवा:
- 2000 डायल 112 वाहन के जरिये त्वरित पुलिस सेवा में सुधार।
DGP विनय कुमार बनाम अभयानंद मॉडल
DGP विनय कुमार की तुलना पूर्व DGP अभयानंद से की जा रही है, जिन्होंने सीमित संसाधनों में बिहार की कानून व्यवस्था को सुधार दिया था।
अभयानंद मॉडल:
- स्पीडी ट्रायल: अपराधियों को जल्द सजा दिलाने का फॉर्म्युला।
- सख्त गश्त और पुलिसिंग: जनता के बीच पुलिस की प्रभावी उपस्थिति।
विनय कुमार की शैली:
- खुद जीप चलाकर गश्त का जायजा लेना।
- औचक निरीक्षण और बिना सूचना के अधिकारियों की सक्रियता की जांच।
- आधुनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग जैसे साइबर तकनीक और FSL।
DGP विनय कुमार की प्राथमिकताएं
- कानून व्यवस्था मजबूत करना।
- माफिया राज का सफाया।
- पुलिस-जनता के बीच भरोसे को बढ़ाना।
- अपराधियों में खौफ पैदा करना।
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