बिहार में छोटे उद्योगों के लिए सस्ती बिजली योजना, दिन में 15% कम बिल

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पटना: बिहार में छोटे उद्योगों के लिए अब बिजली के बिल में बड़ी राहत की योजना तैयार की गई है। बड़े उद्योगों की तरह अब छोटे उद्यमियों को भी दिन में सस्ती बिजली दी जाएगी। यदि दिन के समय उद्योग चलाए जाते हैं, तो सामान्य दर से 15% कम बिल आएगा। यह प्रस्ताव बिहार विद्युत विनियामक आयोग को भेजा गया है, और इसकी पूरी तरह से मंजूरी मिलते ही इसे सुचारु रूप से लागू किया जाएगा ।

छोटे उद्योगों के लिए टीओडी टैरिफ योजना:

बिहार में बिजली की खपत पीक आवर (उच्च मांग के समय) और सामान्य अवधि में काफी अलग होती है। पीक आवर के दौरान बिजली की खपत 8,000 मेगावाट तक पहुंच जाती है, जबकि सामान्य समय में यह केवल 5,000-6,000 मेगावाट होती है। इस असंतुलन को कम करने और छोटे उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए दिन में सस्ती बिजली देने की योजना बनाई गई है।

टीओडी (टाइम ऑफ डे) टैरिफ के तहत यदि कोई उपभोक्ता दिन के समय 100 रुपये की बिजली का उपयोग करता है, तो उसे केवल 80 रुपये का ही भुगतान करना होगा। जबकि पीक आवर में 100 रुपये की खपत पर 120 रुपये का बिल देना होगा। सामान्य अवधि में 100 रुपये की खपत पर 100 रुपये ही भुगतान करना होगा।

बड़े उद्योगों को मिल रही सुविधा अब छोटे उद्योगों के लिए भी:

फिलहाल यह सुविधा बड़े उद्योगों को टीओडी टैरिफ के तहत दी जा रही है। दिन में नौ बजे से शाम पांच बजे तक उद्योग चलाने पर 80% ही बिल देना होता है, जबकि शाम पांच से रात 11 बजे के बीच 120% बिल देना पड़ता है। अब इसी तर्ज पर छोटे उद्योगों को भी यह लाभ मिलेगा, खासकर 19 किलोवाट से अधिक कनेक्शन वाले उद्यमियों को दिन के समय सस्ती बिजली मिलेगी।

बिहार के लगभग 1.75 लाख छोटे उद्यमियों को होगा फायदा:

बिहार के साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार ने बताया कि छोटे उद्योगपतियों को दिन में सस्ती बिजली देने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। इस बार टैरिफ पिटिशन में इस योजना को शामिल किया जाएगा। बिहार विद्युत विनियामक आयोग की मंजूरी मिलने के बाद यह योजना राज्य के लगभग 1.75 लाख छोटे उद्यमियों के लिए लागू हो जाएगी।

निष्कर्ष: यह योजना बिहार के छोटे उद्योगों को नई ऊर्जा देगी, जिससे उन्हें बिजली के खर्च में बचत होगी और उद्योगों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। इसका उद्देश्य राज्य के छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति देना है।

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