पटना से एक बार फिर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। राजधानी के बाढ़ इलाके में जलगोविंद गांव के पास एक बुजुर्ग व्यक्ति का शव मिलने से हड़कंप मच गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना दिया है, और आक्रोशित लोगों ने हत्या की आशंका जताते हुए एनएच-31 को जाम कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना बाढ़ के जलगोविंद गांव की है, जहां रविवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो गुटों के बीच बहस शुरू हो गई। यह बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई तक पहुंच गई। झगड़े में 22 वर्षीय रौशन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया, और उसके सिर पर गहरी चोटें आईं। इस उपद्रव के दौरान प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त कर दी गई थी, जिसके बाद किसी तरह से हालात को काबू में किया गया।
हालांकि, इस झगड़े के बीच रौशन के पिता संतोष महतो अचानक लापता हो गए। शाम तक घर न लौटने पर परिवारवालों ने उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। परेशान परिजनों ने पुलिस को संतोष महतो के गायब होने की सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई और शव मिलने की खबर
पुलिस ने संतोष महतो की तलाश शुरू कर दी थी, लेकिन सोमवार को एक गड्ढे से उनका शव मिलने की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया। जैसे ही संतोष महतो का शव बरामद हुआ, उनके परिवार और गांव के लोग बेहद आक्रोशित हो उठे। उनका मानना है कि संतोष महतो की हत्या की गई है और इस घटना के लिए उसी झगड़े के दौरान के लोग जिम्मेदार हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और एनएच-31 को जाम कर दिया। लोग हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जोरदार प्रदर्शन करने लगे, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग गया।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और उनकी मांग
परिजनों और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संतोष महतो की मौत केवल एक हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। वे आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और न्याय मिलने तक विरोध जारी रखने की बात कह रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते संतोष महतो को खोजने के प्रयास करती, तो शायद उनकी जान बच सकती थी। लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है और न्याय की मांग करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया है।
पुलिस की स्थिति और कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को काबू में करने की कोशिश की। भारी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया और संतोष महतो के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है।
पुलिस का कहना है कि इस घटना के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है, और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि इस मामले में निष्पक्षता से कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में तनावपूर्ण माहौल
संतोष महतो का शव मिलने के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। लोग घटना से बेहद आहत और नाराज हैं। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और ग्रामीणों में घटना को लेकर काफी गुस्सा है। जलगोविंद गांव के लोग पुलिस की सुरक्षा और तत्परता को लेकर सवाल उठा रहे हैं और इस घटना के बाद गांव में डर का माहौल बन गया है।
क्या कह रहे हैं स्थानीय लोग?
गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस को सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। लोगों का मानना है कि यदि डीजे विवाद के दौरान पुलिस बीच-बचाव करती, तो शायद यह मामला इतना न बढ़ता और संतोष महतो की जान नहीं जाती।
प्रशासन से मांग – सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए
इस घटना ने प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस को गांवों में समय-समय पर गश्त बढ़ानी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें। कई लोग यह भी कह रहे हैं कि पुलिस को जनता के बीच विश्वास बहाल करने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
सड़क जाम के कारण यातायात प्रभावित
एनएच-31 पर सड़क जाम के कारण आवागमन ठप हो गया था, जिससे यात्रियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई वाहन जाम में फंसे रहे और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाना पड़ा।
अब आगे क्या?
पुलिस फिलहाल इस मामले में सभी जरूरी कदम उठा रही है और शीघ्र ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दे रही है। परिजनों और स्थानीय लोगों को न्याय का भरोसा दिलाते हुए पुलिस ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।
यह घटना न सिर्फ एक दुखद हादसा है बल्कि एक चेतावनी भी है कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और आपसी विवादों को सुलझाने के लिए प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
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