पटना: छठ महापर्व के अवसर पर दिल्ली, मुंबई और अन्य राज्यों से बिहार लौट रहे प्रवासी यात्रियों को ट्रेनों में किन्नरों और बदमाशों के आतंक का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों के साथ लूटपाट, मारपीट और धमकियों की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे उनकी यात्रा सुरक्षित नहीं रह गई है। हाल ही में, बिहार लौट रहे दो यात्रियों पर ट्रेन में हमले की घटनाएं सामने आई हैं।
सीवान के युवक को लूट के बाद ट्रेन से बाहर फेंका
मुंबई से अपने गांव लौट रहे सीवान जिले के एक युवक अरुण कुमार के साथ ट्रेन में लूटपाट की घटना घटी। यूपी के वाराणसी के पास कुछ बदमाशों ने उस पर हमला किया और मोबाइल व पर्स छीन लिया। जब अरुण ने विरोध किया, तो बदमाशों ने उसे चलती ट्रेन से धक्का देकर बाहर फेंक दिया। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय रेल पुलिस ने उसकी सहायता करते हुए अस्पताल में उसका इलाज कराया।
किन्नरों की मनमानी और यात्री पर हमला
एक अन्य घटना में, गोरखपुर एक्सप्रेस से बिहार लौट रहे यात्री लालबाबू कुमार को आरा जंक्शन पर किन्नरों ने निशाना बनाया। लालबाबू ने किन्नरों को छुट्टे पैसे न होने की बात कही, जिसपर किन्नरों ने 500 रुपये मांगे और 50 रुपये काटकर बाकी वापस करने का आश्वासन दिया। बाद में पैसे वापस न देने पर विवाद बढ़ गया, और गुस्साए किन्नरों ने पिन से लालबाबू के सिर पर हमला कर दिया। लालबाबू ने पटना जंक्शन जीआरपी थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल
छठ पर्व पर घर लौट रहे यात्रियों के लिए ट्रेनों में बढ़ते खतरे ने सुरक्षा के सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार आने वाली ट्रेनों में बढ़ती यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेलवे प्रशासन को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की जरूरत है, ताकि लोग सुरक्षित रूप से अपने परिवार के साथ पर्व मना सकें।
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