बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने 38 वर्षों तक महिला कॉलेज में दी बेटियों को संगीत की शिक्षा

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Samastipur News Bihar

बिहार की लोक संगीत की पहचान और बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने समस्तीपुर के महिला कॉलेज में 38 वर्षों तक बेटियों को संगीत की शिक्षा दी। उनका योगदान समस्तीपुर और बिहार के संगीत जगत के लिए अनमोल रहा। उन्होंने अपने जीवन के इन वर्षों में न केवल संगीत को शिक्षा के रूप में प्रस्तुत किया, बल्कि बिहार की लोक संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर भी स्थापित किया।

समस्तीपुर महिला कॉलेज में 38 वर्षों तक संगीत की शिक्षा देने वाली बिहार कोकिला

समस्तीपुर, बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने 1979 में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अंगीभूत महिला कॉलेज में संगीत विभाग की प्राध्यापिका के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी। यहां उन्होंने लगभग चार दशकों तक बेटियों को संगीत की शिक्षा दी और उन्हें भारतीय लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, और छठ गीतों से परिचित कराया। शारदा सिन्हा के द्वारा दी गई शिक्षा और उनके संगीत के प्रति समर्पण ने कई संगीत प्रतिभाओं को उभारा।

बिहार कोकिला की छठ गीतों में गहरी छाप और समस्तीपुर का संगीत योगदान

बिहार कोकिला के नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा ने समस्तीपुर के महिला कॉलेज में अपनी सेवा के दौरान कई प्रमुख छठ गीत गाए, जो आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। “केलवा के पात पर उगलन सूरज मल झांके झुंके” जैसे छठ गीत उनकी आवाज़ में अमर हो गए हैं। शारदा जी के इन छठ गीतों ने समस्तीपुर और बिहार के संगीत को एक नई पहचान दी, और आज भी लोग इन्हें श्रद्धा और भक्ति से सुनते हैं।

समस्तीपुर में शारदा सिन्हा का संगीत योगदान: एक अपूरणीय धरोहर

समस्तीपुर में शारदा सिन्हा का संगीत योगदान बेहद महत्वपूर्ण था। उनके स्नेहपूर्ण और प्रेरणादायक स्वभाव के कारण वह न केवल अपने सहयोगियों बल्कि विद्यार्थियों के बीच भी बेहद प्रिय थीं। महिला कॉलेज में संगीत की शिक्षा देने के साथ-साथ उन्होंने बिहार की लोक कला और संस्कृति को आगे बढ़ाया। शारदा सिन्हा के योगदान से समस्तीपुर की सांस्कृतिक धारा को नई दिशा मिली, जो आज भी जीवित है।

शारदा सिन्हा का बॉलीवुड में योगदान और समस्तीपुर में उनकी अमिट छाप

शारदा सिन्हा ने केवल समस्तीपुर में ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी गायकी से योगदान दिया। फिल्म “मैंने प्यार किया” (1989) का गाना “कहे तोसे सजना” और “हम आपके हैं कौन” में गाया हुआ गीत “तार बिजली से पतले हमारे पिया” जैसे गीत भी उनकी गायकी के अनमोल उदाहरण हैं। समस्तीपुर और बिहार के संगीत जगत में शारदा सिन्हा की भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा।

समस्तीपुर के संगीत समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति

समस्तीपुर, बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का निधन एक अपूरणीय क्षति है। समस्तीपुर के महिला कॉलेज में 38 वर्षों तक बेटियों को संगीत की शिक्षा देने वाली शारदा सिन्हा का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनका मृदु स्वभाव और संगीत के प्रति समर्पण हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगा, और उनका संगीत हमेशा बिहार और समस्तीपुर की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बना रहेगा।

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Ritu Sharma

Ritu Sharma is an experienced news editor with over a decade in journalism, currently leading editorial efforts at SamastipurNews.in. Renowned for her commitment to journalistic integrity and precision, Ritu has developed a reputation for curating insightful, unbiased news content that resonates with readers. She holds a Master’s degree in Journalism and Mass Communication, equipping her with deep expertise in media ethics and storytelling.

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