सीतामढ़ी (Bihar News): बिहार के सीतामढ़ी जिले में सोमवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिससे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया। यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पानी से भरे गड्ढे में गिर गई, जिससे 12 यात्री बुरी तरह घायल हो गए। हादसे के बाद, स्थानीय लोगों ने अपनी मदद से घायल यात्रियों को बस से बाहर निकाला, लेकिन पुलिस घटना स्थल पर देर से पहुंची, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा।
हादसे के कारण और घटनास्थल का विवरण
यह दुर्घटना सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर एनएच 77 पर रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के प्रेम नगर चौक के पास हुई। जानकारी के अनुसार, बस सीतामढ़ी से मुजफ्फरपुर जा रही थी। प्रेम नगर चौक के पास अचानक बस का नियंत्रण खो गया और वह सड़क से नीचे गहरे गड्ढे में गिर गई। इस हादसे में बस में सवार 12 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल यात्रियों को तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से बस से बाहर निकाला गया और अस्पताल भेजा गया।
चालक की लापरवाही और पुलिस की देर से प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि बस का नंबर बीआरपीई 3274 था और यह दुर्घटना चालक की लापरवाही के कारण हुई। चालक के अनियंत्रित ड्राइविंग की वजह से बस सड़क से नीचे गिर गई। हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया, और घटना के एक घंटे तक भी पुलिस नहीं पहुंची। इस देरी से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने पुलिस के खिलाफ हंगामा किया। उनका कहना था कि अगर पुलिस समय रहते घटनास्थल पर पहुंचती, तो चालक को पकड़ा जा सकता था और राहत कार्य जल्दी शुरू हो सकता था।
स्थानीय लोगों ने किया हंगामा
ग्रामीणों ने पुलिस की देरी पर गहरी नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि अगर पुलिस वक्त पर पहुंचती, तो घायल यात्रियों को जल्दी इलाज मिल सकता था और चालक को पकड़ने में मदद मिल सकती थी। इस देरी के कारण प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं और घटना के बाद स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस मामले की सही जांच की जाए और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
घायलों का इलाज और प्रशासन की कार्रवाई
घायल यात्रियों को स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और चालक की तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी और चालक की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
निष्कर्ष
यह हादसा सीतामढ़ी जिले में प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। जहां एक तरफ दुर्घटना में घायल लोगों की मदद के लिए स्थानीय लोग तत्पर दिखे, वहीं पुलिस की देरी ने घटना को और जटिल बना दिया। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या जल्द ही जिम्मेदारों को सजा मिलती है। साथ ही, यह घटना सड़क सुरक्षा की गंभीरता को भी दर्शाती है, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए कड़े उपायों की आवश्यकता है।
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