बिहार के बेतिया जिले में हुए एक हत्याकांड का दो महीने बाद पर्दाफाश हुआ है। 30 सितंबर को सिरसिया थाने की पुलिस को एक अधजला शव मिला था, जिसकी पहचान नहीं हो पाई थी। शव को पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया गया था। लेकिन 28 नवंबर को बेतिया पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हत्या की इस गुत्थी को सुलझा लिया।
शव की पहचान और घटना की शुरुआत
पुलिस जांच में शव की पहचान संतघाट निवासी अनवर आलम के बेटे आसिफ हुसैन (25) के रूप में हुई। अनवर आलम ने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके बाद उन्होंने खुद जांच शुरू की। अनवर ने बुधवार को दो संदिग्ध युवकों को ग्रामीणों की मदद से पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में चौंकाने वाला सच सामने आया।
प्रेम प्रसंग बना हत्या की वजह
एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने बताया कि आसिफ का रवि गुप्ता की बेटी से प्रेम प्रसंग था। यह बात रवि को नागवार गुजरी और उसने अपनी बेटी के एक अन्य प्रेमी के साथ मिलकर आसिफ की हत्या की साजिश रची।
हत्या की साजिश और क्रूर अंजाम
29 सितंबर को साजिश के तहत आसिफ को बस स्टैंड के पास स्थित उसकी प्रेमिका के कमरे पर बुलाया गया। वहां पहले से मौजूद रवि गुप्ता और अन्य साजिशकर्ता ने आसिफ को पकड़ लिया। उसका गला दबाकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को बाइक पर ले जाकर सिरसिया थाना क्षेत्र के एक झाड़ी में फेंका और सबूत मिटाने के लिए उसे जला दिया।
साक्ष्य और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटनास्थल से रवि गुप्ता की चप्पल और एक मोबाइल फोन बरामद किया। मोबाइल फोन में घटना का वीडियो पाया गया है। पुलिस इसे डिकोड कर रही है। इस मामले में रवि गुप्ता और चार अन्य किशोर गिरफ्तार किए गए हैं।
पुलिस की जांच और खुलासा
हत्या की मुख्य वजह प्रेम प्रसंग है। पुलिस ने बताया कि रवि गुप्ता अपनी बेटी के रिश्ते से नाखुश था। फिलहाल, हत्या के लिए दी गई सुपारी की रकम और घटना से जुड़े अन्य पहलुओं पर जांच जारी है।
इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस की तत्परता से मामले का खुलासा हुआ, लेकिन यह प्रेम और प्रतिशोध की एक खौफनाक कहानी बन गई।
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