Samastipur News: दीपावली के मौके पर सतर्क रहें नकली मिठाइयों से! हो सकते हैं बीमार, जानिए कैसे पहचानें असली मिठाई

Follow Us

Samastipur News Bihar

समस्तीपुर: खुशियों से भरा दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। चूंकि दिवाली मिठाइयां खाने और खुशियां मनाने का त्योहार है, इसलिए इस दिन सबसे अधिक मिठाइयां खरीदी जाती हैं। लेकिन दिखाया गया है कि दिवाली पर जो मिठाइयां बिकती हैं, उनमें सबसे ज्यादा मिलावट पाई जाती है, जो लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है।

Samastipur News: मिठाइयों में उपयोग होने वाला मावा भी बाजारों में बिकता है, लेकिन वहां भी बहुत सी मिलावट होती है, इसलिए अधिकांश लोग मिठाइयों को छोड़कर चॉकलेट्स या अन्य चीजें गिफ्ट करने लगे हैं। हालांकि दिवाली मिठाइयों के खरीदने और बाँटने का त्योहार होता है, इसलिए मिठाइयां महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आइए जानते हैं कैसे इस दिवाली पर बाजार में मिलने वाली नकली मिठाई और मावा के पहचान कैसे करें इस बारे में जानते हैं।

मिठाइयों में मिलावट कैसे होती है? (How do sweets get adulterated?)

मिठाइयों में मिलावट कैसे होती है
मिठाइयों में मिलावट कैसे होती है

मिठाइयाँ तैयार करते समय, उनमें अक्सर असली सामग्री में मिलावट हो जाती है। घी, तेल, मावा, सिल्वर वर्क, दूध, और चीनी में अक्सर मिलावट की जाती है। सिल्वर वर्क में आल्यूमिनियम का आवेश हो सकता है, और दूध में वाशिंग पाउडर और यूरिया का उपयोग हो सकता है, साथ ही घी में चर्बी मिला दी जा सकता है, और मावा में आरारोट और मैदा मिला दिया जा सकता है। इस तरह की मिठाइयाँ आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

असली मिठाइयों की पहचान कैसे करें (How to identify real sweets)

रंगीन मिठाइयाँ (colorful sweets)

दिवाली के समय, रंगीन और कलरफुल मिठाइयाँ अक्सर बड़ी संख्या में बिकती हैं। हम सिखाना चाहते हैं कि आपको इन रंगीन मिठाइयों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इनमें मिलावट की आशंका सबसे अधिक होती है। फिर भी, यदि आप इन्हें खरीदना चाहते हैं, तो एक पीस उठाकर अपने हाथ पर रखें। यदि हाथ पर रंग चिपक जाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि मिठाई नकली है।

यह भी पढ़ें: Samastipur News: समस्तीपुर में हायर एजुकेशन में नामांकन की प्रक्रिया शुरू

नकली चांदी का वर्क कैसे पहचानें (How to identify fake silver work)

नकली चांदी का वर्क कैसे पहचानें
नकली चांदी का वर्क कैसे पहचानें

आपके खुशी-खुशी चांदी का वर्क लगाकर जो बड़े चाव से मिठाई खाते हैं, उस पर भी नकली वर्क हो सकता है। इसकी पहचान के लिए एक सरल तरीका है। वर्क को आग में जला दें, और यदि वर्क का रंग ग्रे हो जाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि वह नकली है। हालांकि, यदि वर्क की छोटी सी गोलियों की तरह आकृति बन जाती है, तो वह चांदी का वर्क असली हो सकता है।

नकली मावा की पहचान (identification of fake mawa)

मिठाइयों में प्रयुक्त मावा भी दिवाली के दौरान बाजार में धड़ल्ले से बिकता है, और यह भी मिलावट का शिकार हो सकता है। मावा की पहचान करने के लिए, आप एक-दो बूंद आयोडीन को मावा पर डालकर देख सकते हैं। यदि आयोडीन का रंग काला हो जाता है, तो इसका मतलब हो सकता है कि मावा नकली है। साथ ही, मावा अधिक दानेदार नहीं होता है; असली मावा चिकना होता है।

यह भी पढ़ें: PM Modi Yojana: 456 रुपये में 4 लाख का फायदा… मोदी सरकार की इस योजना में बहुत लाभ, जानें डिटेल

खराब मिठाई घर न ले जाएं (Don’t take spoiled sweets home)

दिवाली आने से पहले ही दुकानों पर मिठाई बनकर तैयार हो जाती है। इस समय, आपको नहीं पता होता कि आप कितनी ताजी मिठाई खरीद रहे हैं, और इसमें कोई गारंटी नहीं होती। इसलिए मिठाई खरीदने से पहले, एक पीस खाकर देखें कि वह बदबू निकाल रही है या नहीं। अगर बदबू आ रही है, तो समझें कि वह मिठाई खराब है।

Saurabh kumar, Founder & CEO: SamastipurNews.in

Saurabh Kumar is the Founder and CEO of SamastipurNews.in, a prominent news website known for delivering reliable and comprehensive coverage of Samastipur and regional news. With over a decade of experience in the media industry, Saurabh has established himself as a seasoned journalist and dedicated news editor.

For Feedback - support@samastipurnews.in
Samastipur News Bihar

Leave a Comment