Astronaut Sunita Williams: नासा से हाल ही में एक तस्वीर आई है, जिसमें 59 साल की सुनीता विलियम्स काफी कमजोर नजर आ रही हैं। इस तस्वीर ने उनके स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। सुनीता विलियम्स, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर फंसी हुई हैं, उनका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है। इस समय वह 6 जून से अंतरिक्ष में हैं, और उनका मिशन फरवरी 2025 तक चलेगा।
किस प्रकार अंतरिक्ष में रहने से बदल रहा है सुनीता का शरीर
Astronaut Sunita Williams: सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं, जो नासा के जरिए अंतरिक्ष में गईं। गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाली सुनीता ने 127 दिन तक चांद पर रहने का रिकॉर्ड भी बनाया था। वह पहले 2006, 2012 और अब 2024 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर यात्रा कर चुकी हैं। अब उनका मिशन 2025 तक चलेगा, जिसमें वह लगभग 250 दिन अंतरिक्ष में बिताएंगी। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से उनके शरीर पर कई तरह के असर हो रहे हैं, जैसे उनकी आंखों में बदलाव और मांसपेशियों की कमजोरी।
नासा की जारी तस्वीर से बढ़ी चिंताएं
नासा द्वारा जारी की गई तस्वीर में सुनीता विलियम्स अपने साथी बैरी विल्मोर के साथ रात्रिभोज करते हुए नजर आ रही हैं। इस तस्वीर में सुनीता के गाल काफी ज्यादा धंसे हुए दिख रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य में गिरावट का संकेत दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अंतरिक्ष में शरीर ज्यादा कैलोरी खर्च करता है, जिससे शरीर में कमजोरी आ सकती है, और यही कारण हो सकता है कि सुनीता के गालों में कमी आई है।
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मांसपेशियों पर असर
सुनीता और बैरी को 8 दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहना था, लेकिन वे 153 दिनों से ज्यादा समय से वहां फंसे हुए हैं। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से मांसपेशियों में कमजोरी और क्षय जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। यह समस्या स्पेस-एक्स के ड्रैगन कैप्सूल से लौटने के बाद नासा के कुछ अंतरिक्ष यात्रियों में देखी गई थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मसल एट्रोफी: क्या होती है यह समस्या?
मसल एट्रोफी एक ऐसी समस्या है जिसमें मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और सिकुड़ने लगती हैं। यह समस्या रीढ़ की हड्डी में मौजूद तंत्रिका कोशिकाओं पर असर डालती है, जो शरीर की मांसपेशियों को काम करने का संकेत देती हैं। इससे शरीर के सामान्य कार्यों में कठिनाई हो सकती है, जैसे चलना, सांस लेना, खाना खाना, आदि।
अंतरिक्ष में समय बिताने का शरीर पर प्रभाव
अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताने से शरीर पर कई तरह के बदलाव आते हैं। सुनीता विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्रियों को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, नासा इन समस्याओं पर शोध कर रहा है और अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष मिशन अभी भी जारी है, और उनकी सेहत को लेकर जो चिंताएं सामने आई हैं, वह वास्तव में लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं की ओर इशारा करती हैं। हालांकि, डॉक्टर और नासा की टीम उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है, और जैसे-जैसे उनका मिशन जारी रहेगा, उनके स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद भी बनी हुई है।
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