बक्सर (Bihar News): बिहार के बक्सर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दुधमुंहे बच्चे की आग में झुलसकर मौत हो गई। यह हादसा सोमवार की सुबह बक्सर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के हरिकिशुनपुर गांव के महादलित टोला में हुआ। इस दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक की लहर में डुबो दिया है।
कैसे हुई घटना?
जानकारी के अनुसार, महादलित टोला निवासी मुटन राम उर्फ सीता राम सोमवार सुबह मजदूरी के लिए घर से बाहर चला गया। इसके बाद उसकी पत्नी कंचन देवी अपने चार महीने के नवजात बच्चे को कमरे में सुलाकर आंगन में खाना पकाने में व्यस्त हो गई। इसी बीच, कमरे में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, और चिंगारी ने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। कंचन देवी अपने बच्चे को बचाने की कोशिश करती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग ने पूरी तरह से बच्चे को घेर लिया, और वह जलकर अपनी जान गंवा बैठा।
काफी नुकसान हुआ
आग की चपेट में सिर्फ बच्चा ही नहीं आया, बल्कि कमरे में रखे लाखों रुपये के सामान भी जलकर राख हो गए। जब तक कंचन देवी घटना का एहसास कर पातीं, तब तक नुकसान बहुत बड़ा हो चुका था। इस हादसे में परिवार को न केवल मानसिक रूप से भारी सदमा लगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें जबरदस्त नुकसान हुआ।
गांव में पसरा सन्नाटा
घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांववाले इस दुखद घटना को लेकर शोक व्यक्त कर रहे हैं। पीड़ित परिवार अत्यंत गरीब है, और ऐसे में उनका यह नुकसान और भी भयावह हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परिवार पहले ही मुश्किलों से जूझ रहा था, और अब इस घटना ने उनकी मुसीबतों को और बढ़ा दिया है।
आग की घटना पर प्रशासन का ध्यान
अब इस घटना के बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि पीड़ित परिवार की मदद की जाए और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाए।
निष्कर्ष
यह घटना बक्सर जिले के हरिकिशुनपुर गांव में एक परिवार के लिए भारी दुख और संकट लेकर आई है। एक चार महीने के बच्चे की दर्दनाक मौत ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे गांव को हिला दिया है। प्रशासन और समाज को अब आगे बढ़कर इस परिवार की मदद करनी चाहिए ताकि वे इस मुश्किल घड़ी से उबर सकें। इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि हमें घरों में आग से बचाव के उपायों को और गंभीरता से लेना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके।
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